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  • कुछ लोग पीठ के बल सीधे होके सोते हैं, और अपने दोनों हाथ ढीले छोड़कर पेट पर रख लेते हैं। सोने का सबसे अच्छा व  आदर्श तरीका माना जाता है। इस प्रकार सोने वाले बच्चे अच्छे स्वभाव के होते हैं । ये बच्चे रोग व मानसिक चिंता से मुक्त होते हैं। इन बच्चों का विकास अधिकतर रात्रि में ही होता है।


  • कुछ बच्चे सोते वक्त अपने दोनों हाथ सिर पर ऱख लेते हैं। इस प्रकार सोने वाला बच्चा अपने वातावरण से संतोष व शांति चाहते है। बड़ा होने पर उसे किसी जिम्मेदारी का काम एकाएक न सौपे, क्योकि ऐसे बच्चे प्रायः कमजोर संकल्प शक्ति वाले होते हैं। ऐसे बच्चो को बचपन से ही अपना काम स्वयं करने का अभ्यास करवायें | जिससे धीरे-धीरे उसके अंदर संकल्पशक्ति और आत्मविश्वास पैदा हो जाए।


  • कुछ बच्चे पेट के बल लेटकर मुँह तकिये पर रख कर सोते हैं। यह स्नेह का प्रतीक है। जो बताता है कि बच्चा स्नेह का भूखा है। वह प्यार चाहता है। उससे खूब प्यार करें, प्यारभरी बातों से उसका मन बहलायें। जिससे उसकी इस प्रकार सोने की आदत अपने-आप दूर हो जाएगी।


  • कुछ बच्चे तकिये से लिपटकर या तकिये को सिर पर रखकर सोते हैं। इसका मतलब बच्चे के मस्तिष्क में गहरा भय बैठा हुआ हो सकता है। बच्चे के इस भय को प्यार से जानकर उसे दूर करने की कोशिश करे ताकि बच्चे का उचित विकास हो सके। (तांत्रिक के मंत्रो से तो एकदम दूर रहे , ये अन्धविश्वास हैं )


  • कुछ बच्चे करवट लेकर दोनों पाँव मोड़ कर सोते हैं। ऐसे बच्चे अपने बड़ों से सहानुभूति और सुरक्षा की चाह रखते हैं। स्वस्थ बच्चे भी इस प्रकार सो सकते हैं। उन बच्चों को बड़ों से स्नेह और प्यार की आवश्यकता होती हैं ।


  • कुछ बच्चे तकिये, बिस्तर की चादर में छुपकर सोते हैं। ये बताता हैं कि बच्चे लज्जित हैं। घर में या बाहर मित्रों के साथ ऐसी बाते हो रहीं हैं, जिनसे वे संतुष्ट या प्रसन्न नहीं हैं। उनसे कोई शारीरिक दोष या कोई छोटी-मोटी गलती हो गयी है जिसके कारण वे लज्जित महसूस करते हैं। उनको उस ग्लानि से मुक्त कीजिए और साहसी बनाइये.


  • कुछ बच्चे तकिये, चादर और बिस्तर को रौंद डालते हैं। ठंडी या गर्मी हो, वे बड़ी कठिनाई से रजाई ओढ़ना सहन करते हैं। वे एक जगह स्थिर नहीं सोते, पूरे बिस्तर पर लोट-पोट होते हैं। ऐसे बच्चे दबाव या जबरदस्ती से कोई काम नहीं करेंगे। बहुत ही स्नेह से, युक्ति से उनका सुधार करे ।
  • कुछ बच्चे तकिये या चादर से अपने पूरे शरीर को ढंककर सोते हैं। केवल एक हाथ बाहर निकालते हैं। यह इशारा करता हैं कि बच्चा घर के ही किसी लोग या मित्र से नाराज़ रहता है। ये बच्चे किसी भीतरी दुविधा का शिकार हो सकते है। ऐसे बच्चो की बातें और शिकायतें बैठकर सहानुभूति से सुने, उनका समाधान करे ।

संसार के सभी बच्चे इन तरीकों से सोते हैं। हर तरीका उनकी मानसिक स्थिति और आन्तरिक अवस्था प्रकट करता है। माता-पिता उनकी अवस्था को पहचान कर यथोचित उनका समाधान कर दें तो आगे चलकर ये ही बच्चे सफल जीवन बिता सकते हैं।
Source: Internet
Image Source: google
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