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GSLV MK-3

इसरो ने इंडिया के सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 को सफलतापूर्वक लांच किया हैं। देश का यह भारी रॉकेट संचार उपग्रह (सेटेलाइट) जीसैट-19 को लेकर गया हैं। अगर यह मिशन कामयाब होता हैं तो आने वाले समय में अंतरिक्ष यात्रियो को आसानी से भारत  सकता हैं।




जीएसएलवी एमके-3  5 जून सोमवार को श्रीहरिकोटा से शाम 5 बजकर 28 मिनट पर अपनी उड़ान भरी। इसरो की माने तो रॉकेट लांच के लिए 25 घंटे  अधिक की उल्टी गिनती दोपहर 3 बजकर 58 मिनट पर शुरू हुई।



क्या है जीएसएलवी एमके-3:

बड़े उपग्रहों (सेटेलाइट) को देश में ही प्रक्षेपण करने में सक्षम हैं।

यह एक बेहतर पेलोड वाला मजबूत प्रक्षेपण यान हैं।

इसका कुल वजन 640 टन बताया जा  हैं।

यह पूरी तरह से मेक इन इंडिया हैं। जो डिजिटल इंडिया को मजबूत बनायेगा।














ये होंगे फायदे :

जीएसएलवी एमके-3 के द्वारा भेजे गए सेटेलाइट जीसैट-19 के सफलता पूर्वक प्रक्षेपण के बाद भारत में इंटरनेट की स्पीड बेतहाशा बड़ेगी।

डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत और सशक्त बनायेंगे।

यह सेटेलाइट प्रति सेकण्ड 4 जीबी डेटा देने में सक्षम होगा।




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